Thursday, July 4, 2024

ऊर्जा से भरपूर ताकतवर भारत के निर्माण में मदारिसे-इस्लामिया के शिक्षकों और छात्रों की अहम भूमिका- डॉ. बदरुल इस्लाम कैरानवी

  



 निष्पक्ष पोस्ट ब्यूरो। शामली। उ.प्र। गढ़ी दौलत शामली, कांधला कस्बे के बाहरी इलाके में स्थित एक प्रसिद्ध और बड़े धार्मिक मदरसे जामिया बदरुल उलूम के मोहतमिम, दारुल उलूम देवबंद के कार्यकारिणी सदस्य, जमीयत उलेमा वेस्ट यूपी दिल्ली हरियाणा पंजाब हिमाचल के संयोजक तथा अध्यक्ष जमीयत उलेमा पश्चिमी उत्तर प्रदेश हजरत मौलाना मोहम्मद आकिल साहब की सरपरस्ती में माननीय वरिष्ठ शिक्षकों के लिए फिटनेस ट्रेनर ट्रेनिंग का एक रिफ्रेशर कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।




 कार्यक्रम का संचालन जमीयत यूथ क्लब शामली के संयोजक मौलाना वासिफ ने किया और कहा कि यह बात सभी जानते हैं कि जान है तो जहान है और वर्जिशिों में हरकत में बरकत की फितरत होती है। थकावट भगाने में सहायक, चुस्ती, फुर्ती और तंदरुस्ती बढ़ाने वाली, डर्षिक चयनित, अनुसंधान और विकास की रोशनी में विशेष रूप से डिजाइन की गई नए जमाने की जरूरतों के अनुसार ढाली हुई, आसान, सुकून दायक और सभी के लिए लाभदायक अमूल्य अंदाजे-फिक्र से लगातार वर्षों तक अभ्यास के नतीजों के निचोड़ से तैयार शैली में ढाली और डिजाइन की गई सूफियाना विशेषताओं के साथ उन्नत मेडिको फिटनेस एक्सरसाइज के बयालीस-वे वर्जन पर आधारित एक निःशुल्क कार्यशाला जामिया बदरुल उलूम में सफल रही।

 मौलाना वासिफ ने आगे स्पष्ट किया कि डॉ. बदरुल इस्लाम कैरानवी ने इन एक्सरसाइज का खमीर, चिकित्सा विशेषज्ञों की युक्तियाँ, आयुवेर्दाचार्यों एवं हकीमों की चिकित्सा तदबीरों, योगियों के अभ्यासों, सूफियों की गतिविधियाँ आदि से चुन चुन कर और ढूंढ निकल कर लिया है। 


फिर एक करोड़ रुपये से अधिक के व्यक्तिगत निवेश की पूंजी लगाकर, सरकारी और अन्य सहायता के साथ, 48 वर्षों के निरंतर चिकित्सीय दृष्टि से अनुसंधान, विकास और तपस्वी की तरह प्रयोगों के अनुभव से प्राप्त निखरी हुई उच्च गुणवत्ता वाले कौशल को और भी बेहतर बना दिया। आज के मनुष्य की विशिष्ट एवं अपरिहार्य आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, परिवर्तनों के अनुरूप अनुकूलित, 

आज के लोगों के लिए बिना थके बहुत आसान, सरल भाषा में आसानी से समझने योग्य तथा सभी प्रकार की राष्ट्रों की संस्कृति के लिए उपयुक्त, उच्च तकनीकयुक्त, परिष्कृत तथा इसे अनुकूलित कर इस कार्यशाला में निःशुल्क उपहार के रूप में प्रस्तुत किया गया है। खुशी की बात यह है कि देश के प्रतिष्ठित अकबरीन मिल्लत में से, हजरत मौलाना मुहम्मद अकील साहब ने इस उत्कृष्ट अभ्यास में भाग लेकर प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया। नए जमाने की इन चुनिंदा और उपयोगी व्यायामों के शोधकर्ता और 1985 से मेडिको-फिटनेस व्यायाम के अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षक 68 वर्षीय डॉ.बदरुल इस्लाम कैरानवी के पेट की मांसपेशियों के स्वास्थ्य की जांच करने वाले हजरत मौलाना मुहम्मद फाजिल साहब "पेट की ताकत" का प्रदर्शन देखकर चकित रह गए।




प्रतिभागि यह जानकर खुशी थे की वे इन अभ्यासों से खुद को कई बीमारियों से बचा लेंगे, साथ ही अपने छात्रों को कैंसर, दिल का दौरा, स्त्री रोग और पुरुष रोग, थायरॉयड, तनाव, बी. पी. इत्यादि का शिकार होने से बचा लेंगे और इनके माध्यम से वे एक स्वस्थ और सशक्त भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेंगे।

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