Thursday, July 4, 2024

*अख़नूर जम्मु कश्मीर के गवर्नमेंट स्कूल की छात्राऐं ने नए ज़माने की डर्बि-टेक फिटनेस एक्सरसाइज़ योग लीडर के रूप में सीखने और सिखाने के लिए तैयार।*

18-04-2024 अख़नूर जम्मु कश्मीर, जीवन को आनंद में रचा-बसा खुशनुमा बनाने के लिए, योगियों, सूफी संतों, ऋषि मुनियों के, परोपकारी विचारों के साथ, अख़नूर जम्मु कश्मीर की छात्राओं ने अपने आप को विकसित करने और सीखते-सीखाते हुए युवा योगा-लीडर के रूप में अपनी प्रतिभा, अपनी हुनर मंदी को निखारने और बढ़ाने के लिए डॉ. बी. इस्लाम कैरानवी (डर्बिक) के चयनित तथा विश्व स्तरीय मान्यता प्राप्त नए ज़माने की डर्बि-टेक फिटनेस एक्सरसाइज़, सूफियाना रियाज़त योगाभ्यास की कार्यशाला मैं गहन ध्यान के साथ भाग लिया।
इस कार्यशाला में विद्यालय प्रमुख श्रीमती आभा गुप्ता के संरक्षन मेँ कार्यशाला व्यवस्थापिका मेडिकल एक्सपर्ट नेहा जी के साथ जाने मने योग प्रशिक्षक श्री मानिक स्लाथिआ मुख्य भूमिका में थे और वर्कशाप के प्रतिभागियों को भारत सरकार के भूतपूर्व ट्रेनिंग कमिश्नर डॉ. बी. इस्लाम ने मन को शांत करने, याद्दाश्त की शक्ति को तेज़ करने, बुद्धि प्रखर बनाने, इच्छा शक्ति को बलवान करने, चेहरे की सुंदरता बढ़ाने, ज्ञानेंद्रियों को रक्त पहुंचाने, ग्रीवा को लचीला बनाने, फ्रोज़न शोल्डर की समस्या की रोकथाम करने और फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने के लिए चिकित्सकों, वैज्ञानिकों, शिक्षकों, सूफी-संतों, ऋषि-मुनियों के द्वारा बनाए तथा सर्वमान्य उसूलों का पालन करते हुए, अपने शोध पर आधारित वैज्ञानिक सूक्ष्म योग अभ्यास का सुखद अनुभव लाइफटाइम लाभ उठाने के लिए कराया।
इस विद्यालय के प्रतिभागियों ने बताया कि पहली बार इस तरह के अभ्यासों का डॉ. इस्लाम की आसान और प्रभावी 48 वे वर्ज़न वाली तकनीक के साथ अनुभव मिला। प्रतिभागियों के सफलता चिन्ह के रूप में विद्यालय के मेधावी छात्राओं ने सभी 6 एम.वाई.पी. में कमांडिंग कौशल दिखाते हुए विशिष्ट स्थान का प्रमाण पत्र डॉक्टर इस्लाम से प्राप्त किया।
इस मौक़े पर एनसीईआरटी भारत सरकार की योग पुस्तकों के सह-लेखक डॉ. बी. इस्लाम कैरानवी ने वास्तव में योग गुरुओं, सूफी संतों योग चिकित्सा विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और भारतीय योग संघ की विरासत का प्रतिनिधित्व किया। इस अहम, यादगार और बहुमूल्य कार्यशाला के आयोजन से लाभान्वित होने पर प्रतिभागी गौरांवित महसूस कर रहे थे। अंत में एक दूसरे के लिए मंगल कामना के साथ कार्यशाला का समापन हुआ।

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