नई दिल्ली के गवर्नमेंट स्कूल की छात्राएं, डर्बिक के चयनित विश्व स्तरीय परोपकारी सूफियाना योगाभ्यास के माध्यम से फिटनेस और तंदरुस्ती की काबिले एतमाद नेता बन गई
नई दिल्ली, जीवन को आनंद में रचा-बसा खुशनुमा बनाने के लिए, योगियों, सूफी संतों, ऋषि मुनियों के, परोपकारी विचारों के साथ, नई दिल्ली के एसव केव वीव जोगा बाई, न्यु फ्रेंड्स कॉलोनी की छात्राओं ने अपने आप को विकसित करने और सीखते-सीखाते हुए युवा योगा-लीडर के रूप में अपनी प्रतिभा, अपनी हुनर मंदी को निखारने और बढ़ाने के लिए डॉ. बी. इस्लाम कैरानवी (डर्बिक) के चयनित तथा विश्व स्तरीय मान्यता प्राप्त सूफियाना रियाजत योगाभ्यास की कार्यशाला मैं गहन ध्यान के साथ भाग लिया।
इस कार्यशाला में विद्यालय प्रमुख श्रीमती उषा किरन और विद्यांजलि इंचार्ज श्री मती मोमिना भी मुख्य भूमिका में रहीं। विद्यालय के मेंटोर टीचर श्री इकबाल हुसैन के मार्गदर्शन में सदैव छात्रोपयोगी कार्यक्रम स्कूल में आयोजित करवाये जाते हैं,
इसी क्रम में, इस वर्कशाप के प्रतिभागियों को डॉ. बी. इस्लाम तथा भारत सरकार से मान्यता प्राप्त योग प्रशिक्षिका कौसर जी ने मन को शांत करने, याद्दाश्त की शक्ति को तेज करने, बुद्धि प्रखर बनाने, इच्छा शक्ति को बलवान करने, चेहरे की सुंदरता बढ़ाने, ज्ञानेंद्रियों को रक्त पहुंचाने, ग्रीवा को लचीला बनाने, फ्रोजन शोल्डर की समस्या की रोकथाम करने और फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने के लिए चिकित्सकों, वैज्ञानिकों, शिक्षकों, सूफी संतों, ऋषि-मुनियों के के द्वारा बनाए तथा सर्वमान्य उसूलों का पालन करते हुए, अपने शोध पर आध गारित वैज्ञानिक सूक्ष्म योग अभ्यास का सुखद अनुभव लाइफटाइम लाभ उठाने के लिए कराया।
प्रतिभागियों ने बताया कि पहली बार इस तरह के अभ्यासों का डॉ. इस्लाम की आसान और प्रभावी 48 वे वर्जन वाली तकनीक के साथ अनुभव मिला। प्रतिभागियों के सफलता चिन्ह के रूप में विद्यालय के मेधावी छात्राओं ने सभी 6 एम.वाई.पी. में कमांडिंग कौशल दिखाते हुए
प्रथम स्थान का प्रमाण पत्र डॉक्टर इस्लाम से प्राप्त किया। इस मौको पर एनसीईआरटी भारत सरकार की योग पुस्तकों के सह-लेखक डॉ. बी. इस्लाम कैरानवी ने वास्तव में योग गुरुओं सूफी संतों योग चिकित्सा विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और भारतीय योग संघ की विरासत का प्रतिनिधित्व किया। इस अहम्, यादगार और बहुमूल्य कार्यशाला के आयोजन से लाभान्वित होने पर प्रतिभागी गौरांवित महसूस कर रहे थे। अंत में एक दूसरे के लिए मंगल कामना के साथ कार्यशाला का समापन हुआ।
No comments:
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.