This blog started experimentally for the benefit of the lovers of Fitness Science. We will try our best to publish Resource Materials and display the reports and action photographs of Yoga Scientist Dr. Badrul Islam Kairanvi and his team. Dr. B. Islam was a former Training Commissioner in KVS BSG under Ministry of hRD Govt. of India New Delhi.
Wednesday, November 8, 2023
"Updated Version of Yoga Became Soldier's Choice", "डॉ. बदरुल इस्लाम कैरानवी द्वारा आधुनिक डर्बिक तकनीक से सुसज्जित चयनित पारंपरिक योगाभ्यास के अड़तालीसवें वार्षिक वर्ज़न को भारतीय सेना के जवानों ने, सर्वश्रेष्ठ मानते हुए बहुत पसंद किया"/ ڈاکٹر بدرالاسلام کیرانوی کے ذریعے، جدید تکنیکوں سے، مزید بہتر بنایا ہوا منتخبہ روایتی یوگا ریاضتوں کا اڑتالیسوا سالانہ ورژن بنا، فوجی جوانوں کی ترجیحی چوائس
"Updated Version of Yoga Became Soldier's Choice on 04-10-2023 at Raiwala Rishikesh Uttarakhand"
*The resource material is in the form of best-selling NCERT textbooks prepared on the basis of the Government of India's approved syllabus and also includes the fortieth annually updated Yoga Version by Prof. (Dr.) Badrul Islam Kairanvi. This updated Yoga Version was selected in due course of time from the traditional Yoga and Improved with Modern Techniques etc and now it is a Soldiers' Choice*
ڈاکٹر بدرالاسلام کیرانوی کے ذریعے، جدید تکنیکوں سے، مزید بہتر بنایا ہوا منتخبہ روایتی یوگا ریاضتوں کا اڑتالیسوا سالانہ ورژن بنا، فوجی جوانوں کی ترجیحی چوائس*
رشیکیش اتراکھنڈ، گنگا کے کنارے واقع رائیوالا کینٹ کے پرفضاء مقام پر انسٹی ٹیوٹ آف ڈربک یوگا اینڈ کلینک آف آیوش پیرامیڈکس، نئی دہلی کے ڈائریکٹر پروفیسر بدرالاسلام کیرنوی (ڈربک) نے فوج کے جوانوں کو ان کی اندرونی اعضاء کی عمده صحت کو ذوال سے بچانے والی سائنسی بنیادوں پر قائم اور جدید تکنیکوں سے مزید بہتر بنائی ہوئی منتخبہ روایتی یوگا ریاضتوں کے اڑتالیسوے سالانہ ورژن کو، کر کے دکھایا، سمجھایا اور سکھایا جسے فوجی جوانوں نے ترجیحی بنیاد پر پسند کیا.
یوگا کی تکنیک کا یہ ورزن آج کے انسان کی ضرورت کے پیش نظر، حکومت ہند کی مدد سے اور ذاتی ایک کروڑ روپے سے زائد کے خرچ سے تیارکرنے کے بعد ٣٥ لاکھ لوگوں پر آزماکر مزید بہتر بنایا ہوا ہے. ذہنی اور جسمانی تناؤ سے نجات کی ریاضتوں کا یہ ورزن مشق کنندہ کی ذہنی اور جسمانی صحت کو زندگی بھر ٹاپ حالت میں برقرار رکھ کر اعلی معیار کی پرفورمینس دینے کے قابل بنانے میں بین الاقوامی سطح پر شہرت یافتہ اور تسلیم شدہ ہے.
ورکشاپ کو بامقصد اور کامیاب بنانے میں کرنل صاحب، پروفیسر ایشور بھاردواج صاحب، دھننجے بیراگی صاحب، موہن جی، وی.کے. شرما جی، چارو دت شرما اور ہماری افواج کے مقامی ذمہ داروں نے بہترین تعاون دیا اور شکریہ کے ساتھ آگے بھی اس طرح کی ورکشاپ لگانے کی پروفیسر بدرالاسلام کیرنوی سے درخواست کی
"डॉ. बदरुल इस्लाम कैरानवी द्वारा आधुनिक डर्बिक तकनीक से सुसज्जित चयनित पारंपरिक योगाभ्यास के अड़तालीसवें वार्षिक वर्ज़न को भारतीय सेना के जवानों ने, सर्वश्रेष्ठ मानते हुए बहुत पसंद किया"
ऋषिकेश उत्तराखंड, इंस्टीट्यूट ऑफ़ डर्बिक योगा एंड क्लिनिक ऑफ़ आयुष पैरामेडिक्स नई दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर डॉ. बदरुल इस्लाम कैरानवी ने देश और दुनिया में मशहूर योग नगरी ऋषिकेश के रायवाला गंगा तट के सुंदर एवं मनोरम स्थान पर फौज के जवानों के आंतरिक अंगों के समग्र स्वास्थ्य के लिए आधुनिक डर्बिक तकनीक से सुसज्जित, चयनित एवं पारंपरिक योगाभ्यास के अड़तालीसवें वार्षिक वर्ज़न को भारतीय सेना के जवानों के सामने प्रस्तुत किया, प्रदर्शित किया, समझाया और व्यवहारिक रूप से सिखाया। ख़ुशी की बात यह है की सैनिकों ने इसे सर्वश्रेष्ठ आंकते और मानते हुए शुकिरये के साथ बहुत पसंद किया।
योग तकनीक का यह संस्करण, आज के मनुष्य की शारीरिक एवं मानसिक आवश्यकता को देखते हुए, उच्च गुणवत्ता वाला और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित एवं मान्यता प्राप्त है। भारत सरकार की मदद से और डॉ. इस्लाम के अपनी जेब से एक करोड़ रुपये से ज्यादा के खर्च पर 48 वर्षों की सीमा में विकसित करने के बाद, 35 लाख लोगों पर इसका परीक्षण किया गया है और इसे लगातार बेहतर से और भी बेहतर, बना कर पेश किया गया है। मानसिक और शारीरिक तनाव मुक्ति देने वाले यह एक ऐसे योगाभ्यासों का संस्करण है जिस को करते रहने से अभ्यासकर्ता का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य जीवन भर बेहतरीन स्थिति में बना रहता है।
उद्देश्यपूर्ण कार्यशाला को कामयाब एवं सफल बनाने में कर्नल साहब, प्रोफेसर ईश्वर भारद्वाज साहब, श्री. धनंजय बैरागी सर, मोहन जी, वी.के. शर्मा जी, चारु दत्त शर्मा और हमारी सेना के स्थानीय अधिकारियों एवं अन्य का उत्कृष्ट समर्थन रहा। प्रोफेसर बदरुल इस्लाम कैरानवी से ऐसी और भी कार्यशालाओं में नेतृत्व प्रदान करने के अनुरोध और धन्यवाद के साथ कार्यशाला का समापन हुआ।
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