हमारे
केंद्रीय विद्यालय संगठन का सूत्र वाक्य है — हिरान्यमाये
न पात्रेण,
सत्यास्यपिहतम मुखम . तत्त्व पूषण अपावृणु , सत्य धर्माय दृष्टये ..
अर्थात — सत्य का मुख सोने के पात्र से ढका
ही. अतः
हे पोषण के देवता
सत्य रूपी घड़े के मुख से
सोने के पात्र को हटा दीजिये ताकि सत्य
उजागर हो सके और
सभी लोग इसका
साक्षात्कार कर सकें .
एवं सम्पूर्ण Prithvi
सत्य
के प्रकाश से प्रकाशमान हो सके….
Received by (e-mail) from Mr. GULAB CHAND JAISAL
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