Saturday, October 5, 2024

राजस्थान अलवर की बहादुर बेटी प्रियंका प्रजापत सम्मानित on 12-07-2024

अलवर राजस्थान, करोना काल में जब सारी दुनिया के लोगों की हिम्मतें टूटी हुई थीं तब भारत स्काउट एंड गाइड्स के बैनर के नीचे, राजस्थान अलवर की बहादुर बेटी प्रियंका प्रजापत ने डॉ. इस्लाम की टीम में शामिल होकर, लोगों की योगाभ्यास से मुफ्त फिटनेस बढ़ाने का अनूठा एवं साहसिक काम किया।


उनके कौशल भरे साहस को सम्मान देने के लिए दिल्ली से पहुंची कौसर साहिबा ने अलवर की बहादुर बेटी, प्रियंका प्रजापत को शाल ओढ़ा कर सम्मानित किया। प्रियंका प्रजापत आजकल स्थानीय शिक्षकों की मदद से अलवर और गांव गांव में बी.एस.जी. के बैनर के साथ योग विज्ञान का प्रचार प्रसार और प्रोत्साहन देने की नई पहल से लाभ दिला रही है।



हाल ही में प्रियंका प्रजापत ने एक कामयाब कार्यशाला का यादगार किया। इस कार्यशाला में आज के जमाने की जरूरत के हिसाब से सूटेबल योगाभ्यास के नवीनतम अपडेटेड वर्जन की ट्रेनिंग दिलाने के लिए यूरोप के देशों में जाकर वर्ष 1985 में अंग्रेज डॉक्टरों को ट्रेनिंग देने वाले भारत सरकार के भूतपूर्व ट्रेनिंग कमिश्नर और भारत सरकार की योग की पुस्तकों के लेखक को ट्रेनिंग देने के लिए आमंत्रित किया था 


ताकि इस कार्यशाला में भाग लेने वाले बच्चे, युवा और शिक्षक हष्ट पुष्ट और स्वास्थ समाज निर्माण की सर्व माननीय एवं विश्व स्तरीय पैरामीटर्स पर खरे उतर कर बेहतरीन परफॉर्मेंस के साथ देश हित में कार्य कर सकें। प्रियंका प्रजापत की इन कोशिशें को प्रतिभागी सभी शिक्षकों ने सराहा और आइंदा भी साथ निभाना का विश्वास दिलाया।


विदेशों में नियुक्त किए जाने वाले सेनानीयों लिए मेडिको- फिटनेस बढ़ाने वाले योगाभ्यास की कार्यशाला सम्पन्न on 01-07-2024

 नई दिल्ली/देहरादून। भारतवर्ष के विभिन्न परंपराओं के धनी योग गुरुओं की संस्था इंडियन योगा एसोसिएशन के शीर्ष गुरुजनों के सहयोग से योगाभ्यास की एक विशेष कार्यशाला का आयोजन सेनानियों को राष्ट्रीय स्तर पर ट्रेनिंग देने वाले, उत्त- राखंड देहरादून जिले के एक ट्रेनिंग सेंटर पर हुआ। कार्यशाला का उद्घाटन कर्नल सागर ऐसएम, वीएसएम, लेफ्टिनेंट कर्नल बलविंदर सिंह और लेफ्टिनेंट कर्नल विनोद साहब के सानिध्य से किया, वर्कशॉप के कोऑर्डिनेटर मोहन कुमार हर समय कार्यशाला को बल दे रहे थे।



इस विशेष कार्यशाला को भारत सरकार द्वारा विदेशों में नियुक्त किए जाने वाले सेनानीयों के आंतरिक अंगों की शक्ति, मे डिको-फिटनेस बढ़ाने के लिए किया गया था। इस कार्यशाला में मनोदैहिक प्रभाव डालने वाले ऐसे योगाभ्यास सिखाए गए जिन से बीमरियों से आत्मरक्षा करने में समृद्ध आती है,


मानसिक रूप से विचलित होने से बचा जाता है, पुरसुकून, तृप्त और संतुष्ट रहने का हुनर आता है, एकाग्रता बढ़ती है, यथार्थवादी आत्म बोध के साथ शांति से जीने, भारत के अनेकता में एकता के सूत्र पर दिल से चलना आसान होता है, हैप्पीनेस के पाठ के साथ विश्व कुटुम्बकम मानते हुए शांति के विकास वाली सूफी संतों ऋषियों मुनियों ग्रंथियों योगियों इत्यादि वाली सोच, अपने आचार, विचार और व्यवहार से विदेशों में प्रदर्शन कर भारत का नाम रोशन करने वाला जवान बनने में आसानी होती है।



इस कार्यशाला के मुख्य शक्षक एवं मार्गदर्शक वर्ष 1975 से योगाभ्यास के चिकित्सकीय पहलू पर वैज्ञानिक दृष्टि से रिसर्च करने वाले इंडियन योगा एसोसिएशन दिल्ली राज्य के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट डॉ. बी. इस्लाम कैरानवी थे।

ज्ञात हो की डॉ. इस्लाम ने वर्ष 1983 से भारत सरकार में कार्यरत शिक्षकों को योग प्रशिक्षण देना प्रारम्भ किया तथा भारत सरकार में ट्रेनिंग कमिश्नर के तौर पर काम करते समय, 50 हजार से अधिक योगा प्रशिक्षकों की 18 श्रंखलाएं बना कर, ट्रेनिंग दी, फिर इन के सहयोग और भारत सरकार के प्र िप्रायोजन पर देश के कोने कोने में अपनी इन 18 टीमों से काम लेते हुए, देश विदेश के 35 लाख से अधिक युवाओं को योग समृद्ध बनाया।