उनके कौशल भरे साहस को सम्मान देने के लिए दिल्ली से पहुंची कौसर साहिबा ने अलवर की बहादुर बेटी, प्रियंका प्रजापत को शाल ओढ़ा कर सम्मानित किया। प्रियंका प्रजापत आजकल स्थानीय शिक्षकों की मदद से अलवर और गांव गांव में बी.एस.जी. के बैनर के साथ योग विज्ञान का प्रचार प्रसार और प्रोत्साहन देने की नई पहल से लाभ दिला रही है।
हाल ही में प्रियंका प्रजापत ने एक कामयाब कार्यशाला का यादगार किया। इस कार्यशाला में आज के जमाने की जरूरत के हिसाब से सूटेबल योगाभ्यास के नवीनतम अपडेटेड वर्जन की ट्रेनिंग दिलाने के लिए यूरोप के देशों में जाकर वर्ष 1985 में अंग्रेज डॉक्टरों को ट्रेनिंग देने वाले भारत सरकार के भूतपूर्व ट्रेनिंग कमिश्नर और भारत सरकार की योग की पुस्तकों के लेखक को ट्रेनिंग देने के लिए आमंत्रित किया था
ताकि इस कार्यशाला में भाग लेने वाले बच्चे, युवा और शिक्षक हष्ट पुष्ट और स्वास्थ समाज निर्माण की सर्व माननीय एवं विश्व स्तरीय पैरामीटर्स पर खरे उतर कर बेहतरीन परफॉर्मेंस के साथ देश हित में कार्य कर सकें। प्रियंका प्रजापत की इन कोशिशें को प्रतिभागी सभी शिक्षकों ने सराहा और आइंदा भी साथ निभाना का विश्वास दिलाया।