हकीम अजमल खान जयंती के उपलक्ष में
"मनो-कायिक
चिकित्सकीय अभ्यासों का उस्ताद" बनाने वाली कार्यशाला प्रारम्भ
भारत सरकार, आयुष मंत्रालय CCRUM ने
भव्य अंदाज़ में हकीम अजमल खान की जयंती
को राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा दिवस के रूप
में 11-02-2019 को
मनाया और 11 व 12 फरवरी 2019 को यूनानी चिकित्सा पर राष्ट्रीय सम्मेलन भी विज्ञान भवन
नई दिल्ली में आयोजित किया।
इस सम्मेलन में हकीम डा. बदरुल इस्लाम
कैरानवी ने देश विदेश से आये प्रतिनिधियों से चर्चा की और अपने विचार से अवगत
कराया की “हकीम अजमल खान के
दिखाये मार्ग पर चलना उन को सच्ची श्रद्धांजलि है और इसी बात को हम अपना
आचरण बना कर युनानी चिकित्सा का बडा विकास कर सकते है”।
हकीम अजल खान
ने एकीकृत दृष्टिकोण से स्वस्थ जीवन के सर्वोत्तम संसाधन प्रदान किए तथा ब्रिटिश
शासन का विरोध के बावजूद, युनानी
और आयुर्वेद को मिलाकर एक संस्थान की स्थापना करोलबाग दिल्ली में की,
“तो क्यों न हम भी इस चिकित्सा पद्धति को और समृद्ध
करने के लिये बड़ों से सीख लेते हुए, आज
के हालात के परिपेक्ष में, कामयाब अन्य संसाधन
जुटाएं, सर्वहिताय रूपरेखा विकसित करें और केवल सरकारी आसरे पर ना
रहें”।
आखिरकार, सम्मेलन
के फौरन बाद (i) डॉक्टरों, (ii) चिकित्सकीय (iii)
व्यायाम विशेषज्ञों,
(iv) NGOs के कार्यकर्ताओं और
(v) पैरा मेडिकल स्टाफ के लिए अपनी तरह की पहली
"मनो-कायिक
चिकित्सकीय अभ्यासों का उस्ताद" बनाने वाली कार्यशाला हकीम डॉ. बदरूल इस्लाम कैरनवी
के मार्गदर्शन में (उन के 42 साला शोध पर आधारित) 13 से 17
फरवरी 2019 तक
अबुल फज़ल इन्क्लेव नई दिल्ली में सफलता पूर्वक आयोजित की जा रही है।
आशा ही नहीं, पूर्ण विश्वास हे की इस अनूठे
प्रयोग से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर युनानी
चिकित्सा जगत में हलचल होगी, दूसरों के साथ साथ युनानी चिकित्सकों को भी
सस्ता-सुलभ, विश्वसनीय और विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त नया कुछ सीखने और करने का
मोक़ा मिलेगा और इस के लाभकारी दूरगामी असरात भारतीय चिकित्सा विधि “हिकमत” को नई
ऊंचाईयां प्रदान करेगा।
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