योग अभ्यास बेहद नफ़ाबख्श
है
है
योग अभ्यास नफाबख्ष
है, यह बात में अब से 41 साल पहले समझ गया
था और यूनानी चिकित्सक होते हुए भी में 16-11-1976
से योग कर रहा हूँ। अलबत्ता (परन्तु) योग के प्रचार प्रसार का बेडा मैंने
36 वर्ष पूर्व (1981 में) उस दौर के प्रसिद्ध योग गुरू धीरेन्द्र
बृहम्चारी से दीक्षा लेने के बाद उठाया और दिल्ली से निकलने वाले उर्दू के अखबारों
में मैंने लेख लिखने प्राम्भ किये, फिर 1985 में योग को फैलाने के लिए इटली में मेडिकल कॉन्फ्रेंस में भाग लेने पहुंचा।
1992 में 200 पृश्ठों की योग पुस्तक लिखी,
1999 में योग परचार के लिए में बांग्लादेश व अफ्रीका गया और होते होते सरकार व समाज सेवी संस्थाओं के सहयोग
से 200 से भी ज्यादा योग प्रोग्रामों में प्रतिभाग ब संचालन किया।
2015 के पहले
अन्तर्राश्ट्रीय योग दिवस पर इंग्लिष में लिखी मेरी दो पुस्तकें तालकटोरा स्टेडियम
नई दिल्ली में केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री व दिल्ली के उपमुख्यमंत्री तथा अन्य
गणयमान्य व्यक्तियों ने एक साथ रिलीज की। जिन्हें भारत सरकार ने CBSC व् केन्द्रीय
सरकार के आधीन स्कूलों में लगाया तथा विदेषों में अंतर राष्ट्रिय योग दिवस का
समर्थन करने वाली सरकारों को भेजा। योग अभ्यासों के प्रभाव व आशीष (दुआ) के कारण मैं
यूनानी चिकित्सक से योग शिक्षक फिर मेडिकल ऑफिसर और फिर भारत सरकार में स्टेट ट्रेनिंग
कमिश्नर के पदभार को सफलता से संभाल सका और सरकार व समाज से परशस्ति पत्र तथा 14 पुरस्कार प्राप्त
किये.
अन्तर्राश्ट्रीय योग दिवस पर इंग्लिष में लिखी मेरी दो पुस्तकें तालकटोरा स्टेडियम
नई दिल्ली में केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री व दिल्ली के उपमुख्यमंत्री तथा अन्य
गणयमान्य व्यक्तियों ने एक साथ रिलीज की। जिन्हें भारत सरकार ने CBSC व् केन्द्रीय
सरकार के आधीन स्कूलों में लगाया तथा विदेषों में अंतर राष्ट्रिय योग दिवस का
समर्थन करने वाली सरकारों को भेजा। योग अभ्यासों के प्रभाव व आशीष (दुआ) के कारण मैं
यूनानी चिकित्सक से योग शिक्षक फिर मेडिकल ऑफिसर और फिर भारत सरकार में स्टेट ट्रेनिंग
कमिश्नर के पदभार को सफलता से संभाल सका और सरकार व समाज से परशस्ति पत्र तथा 14 पुरस्कार प्राप्त
किये.
कैराना के मुस्लिम समाज से मुझे कहना है कि मैं भारतीय
योग संस्थान नई दिल्ली से 1985 से जुडा हूँ, कैराना की शाखा परोपकारी है जो आप को खैर के काम की ओर बुला
रही है। यह कहती है, खुद योग कर स्वस्थ (तंदरूस्त) रहो और अपने घरवालों व समाज को स्वस्थ बनाने में सहयोग दो। बीमारियों से और
उनसे होने वाली परेषानियों व खर्च से बचो। योग अभ्यासों से किसी को कोई आपत्ति नहीं
होनी चाहिये, 40 मुस्लिम
देषों ने योग अभ्यासों का समर्थन किया है और मैंने इस्लामिक धर्मिक संस्थाओं में योग
अभ्यास कराय है, कहीं किसी को कोई एतराज नहीं, यहाँ तक की
मेरी जामिया नगर की योग कक्षा में जामिया के प्रोफेसर व मुस्लिम धर्म गुरू भाग
लेते हैं, कभी किसी ने कोई एतराज नहीं किया। आप भी योग अभ्यास
अपनाकर स्वस्थ रहें और स्वस्थ समाज को अपने चारों तरफ गठित करने में सहयोग दें.
योग संस्थान नई दिल्ली से 1985 से जुडा हूँ, कैराना की शाखा परोपकारी है जो आप को खैर के काम की ओर बुला
रही है। यह कहती है, खुद योग कर स्वस्थ (तंदरूस्त) रहो और अपने घरवालों व समाज को स्वस्थ बनाने में सहयोग दो। बीमारियों से और
उनसे होने वाली परेषानियों व खर्च से बचो। योग अभ्यासों से किसी को कोई आपत्ति नहीं
होनी चाहिये, 40 मुस्लिम
देषों ने योग अभ्यासों का समर्थन किया है और मैंने इस्लामिक धर्मिक संस्थाओं में योग
अभ्यास कराय है, कहीं किसी को कोई एतराज नहीं, यहाँ तक की
मेरी जामिया नगर की योग कक्षा में जामिया के प्रोफेसर व मुस्लिम धर्म गुरू भाग
लेते हैं, कभी किसी ने कोई एतराज नहीं किया। आप भी योग अभ्यास
अपनाकर स्वस्थ रहें और स्वस्थ समाज को अपने चारों तरफ गठित करने में सहयोग दें.
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